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हमारे बारे में

संपादक के डेस्क से.link

सेवा में,
मैं मानवीय और दयालु कहानियाँ लिखने में मेरे साथ शामिल होने के लिए आप सभी का स्वागत करता हूँ। यह ‘साहित्य’ विषय में एक योगदान है। साथ मिलकर, हम साथ आ सकते हैं
न्याय, जवाबदेही और सत्य की मानसिकता से लिखा गया साहित्य। कहानी-लेखन के भविष्य की कल्पना करना जो न्याय, जवाबदेही और सच्चाई के प्रकाश में कहानियों के अर्थ का निष्कर्ष निकालता है। इस तरह के मानवीय साहित्य को पढ़ना मुझे अपने भीतर विश्वास और दूसरों के प्रति विश्वास से भर देता है।



मैंने यह पहल 1960 से ए.नागराज (http://www.maध्यस्थ-दर्शन.इन्फोlink-external) द्वारा किए जा रहे कार्यों को ध्यान में रखते हुए की। मैं उनका और उन सभी लोगों का आभारी हूं, जो लगातार काम कर रहे हैं। धर्मपूर्वक जीवन जीने और पृथ्वी को बचाने में योगदान देने की दिशा।

विधि

(मध्यस्थ दर्शन सह-अस्तित्ववाद के विद्यार्थी, ए.नागराज (अमरकंटक, म.प्र.भारत) द्वारा प्रतिपादित)
संपादक की ईमेल आईडी:futuristicwriting@gmail.com

सामान्य प्रश्न:

क्या मध्यस्थ दर्शन सह-अस्तित्ववाद सामग्री में त्रुटियों के लिए उत्तरदायी है?नहीं।
सामग्री में गलतियों के लिए कौन जिम्मेदार है? विधि

From the Editor’s Desk.link

To all,
I welcome all of you,to join me, in writing humane and kind stories.This is a contribution in the subject, ‘literature’. Together ,we can come up with
Literature written with the mindset of Justice,Accountability and Truth. Visualising the future of Story-Writing which concludes the meaning of the stories,in light of Justice, Accountability and Truth.Reading such a humane literature fills me with trust within myself and trust towards others.



I took this initiative,in light of the work already being done by A.Nagraj(http://www.madhyasth-darshan.infolink-external) since,1960.I am grateful to him and all the people,who have been working relentlessly in the direction of living righteously and contributing in saving Earth.

Vidhi

(Student Of Madhyasth Darshan Sah-astitvavaad,propounded by A.Nagraj(Amarkantak,M.P.India))
Editor’s email id:futuristicwriting@gmail.com

FAQ:link


Is Madhyasth Darshan Sah-astitvavaad accountable for the mistakes in the content?NO.
Who is accountable for the mistakes in the content?VIDHI