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मेरा परिचय: जयकुमार राहेवर जी

मैं जयकुमार राहेवर, अहमदाबाद का निवासी हूँ, और अपने साहित्य के माध्यम से मानवता और जीवन की गहराइयों को समझने और साझा करने का प्रयास कर रहा हूँ। मैंने अपनी लेखन यात्रा 2015 में शुरू की, जब मैंने पहली बार कविता, गीत या कहानी लिखी। तब से, मैं लगातार साहित्य की विभिन्न विधाओं में रचनाएँ करता आ रहा हूँ। मेरे लेखन की प्रेरणा मुझे मेरे आस-पास के अनुभवों और घटनाओं से मिलती है।

मुझे विश्वास है कि मेरी कविताएं और गीत पाठकों के मानसिक विकास और स्वास्थ्य में सकारात्मक योगदान दे सकते हैं। मेरा लेखन पाठकों को मानवीय मूल्यों से प्रेरित करने का प्रयास करता है, जिससे रिश्तों में सुधार और व्यवहार में संतुलन स्थापित हो सके। ऐसे समय में, जब अमानवीय सामग्री का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है, मेरी रचनाएँ मानवीयता और सह-अस्तित्व को प्रोत्साहित करते हुए समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने में सक्षम हैं।

पिछले डेढ़ साल से मैं मध्यस्थ दर्शन (सह-अस्तित्ववाद) का अध्ययन कर रहा हूँ। मैंने अपने लेखन में इस दर्शन के सिद्धांतों को उतारने का प्रयास किया है। इसके लिए मैं नियमित रूप से पढ़ता हूँ, संवाद करता हूँ और प्रकृति की गोद में मौन रहकर आत्मनिरीक्षण करता हूँ। मेरे लिए लेखन केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं है, बल्कि यह आत्मिक अनुभव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

मैंने अपनी रचनाओं को ‘futureofwriting.org’ वेबसाइट पर प्रकाशित करने की अनुमति दी है। साथ ही, मैंने इस बात से भी सहमति व्यक्त की है कि मेरी कविताएं, कहानियां और गीत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साझा की जाएं, ताकि अधिक से अधिक लोग मेरे संदेशों से लाभान्वित हो सकें।



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