परिचय: जिग्नेश जी (डीजे रॉयल)
मेरा नाम जिग्नेश है, जिसे डीजे रॉयल के नाम से भी जाना जाता है, और मैं अहमदाबाद का निवासी हूँ। मेरी लेखन की प्रेरणा मानवता पर आधारित पारंपरिक कहानियों को सुनने से मिली। मानव मूल्यों के प्रति गहरी श्रद्धा रखते हुए, मैंने अपने लेखन के माध्यम से इन आदर्शों को व्यक्त करने का निर्णय लिया।
मेरी कविताओं, कहानियों और गीतों का उद्देश्य पाठकों के मानसिक विकास को बढ़ावा देना और उनके कल्याण में सकारात्मक योगदान देना है। आज की दुनिया में, जहाँ अमानवीय सामग्री का प्रचलन बढ़ रहा है, मेरा मानना है कि हर वह प्रयास जो मानवता को बढ़ावा देता है वह करना चाहिए इसके संदर्भ में मैने कुछ लिखना स्टार्ट किया, उससे एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण हो सकता है। जब हम जो कुछ भी हमारे पास है उसे साझा करते हैं, तो यह स्वाभाविक रूप से दया और करुणा की लहर पैदा करता है।
पिछले आठ वर्षों से मैं मध्यस्थ दर्शन (सह-अस्तित्ववाद) का अध्ययन कर रहा हूँ, जिसने मेरे दृष्टिकोण और लेखन पर गहरा प्रभाव डाला है। मैं अपने लेखन के माध्यम से सह-अस्तित्व और सामंजस्य के उन मूल्यों को शामिल करने का प्रयास करता हूँ, जिन्हें मैंने सीखा है। मेरा मानना है कि ये मूल्य, जब साझा किए जाते हैं, तो जीवन को अनुभवसम्पन्न बना सकते हैं और सकारात्मक बदलाव की प्रेरणा दे सकते हैं।
मैंने अपनी रचनाओं को ‘futureofwriting.org’ वेबसाइट पर प्रकाशित करने के लिए सहमति दी है और अपनी कविताओं, कहानियों और गीतों को सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर साझा करने की भी अनुमति दी है। मेरी आशा है कि ये रचनाएँ अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचें और एक ऐसी दुनिया के निर्माण में सहायक बनें, जहाँ मानवता और करुणा का वर्चस्व हो।