लेखक परिचय: विनोद मधुकर म्हात्रे
मैं विनोद मधुकर म्हात्रे, वरोरा, चंद्रपुर (महाराष्ट्र) का निवासी हूँ। मेरी लेखन यात्रा 2011-2012 में शुरू हुई। लेखन के लिए मेरी प्रेरणा का स्रोत मध्यस्थ दर्शन (सह-अस्तित्ववाद) है, जिससे मुझे जीवन और समाज को एक नए दृष्टिकोण से समझने में सहायता मिली।
मेरी कविताएँ, कहानियाँ और लेख पाठकों के मानसिक विकास और समझ को बढ़ाने में सहायक होते हैं। मेरा मानना है कि सही दृष्टिकोण से किए गए प्रयास सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे व्यक्ति और समाज दोनों में बदलाव संभव है।
मैं 2020 से मध्यस्थ दर्शन का अध्ययन कर रहा हूँ, जिसने मेरे जीवन को पहले से कहीं अधिक बेहतर बना दिया है। इस अध्ययन ने मेरे विचारों को स्पष्टता दी है और जीवन को अधिक सार्थक बनाने में मदद की है।
मैंने अपनी रचनाओं को ‘futureofwriting.org’ वेबसाइट पर प्रकाशित करने की सहमति दी है और साथ ही, अपनी कविताओं और कहानियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साझा करने की भी अनुमति दी है। मेरा उद्देश्य यह है कि मेरी रचनाएँ अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचें और सकारात्मक बदलाव और सह-अस्तित्व की भावना को बढ़ावा देने में सहायक बनें।
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शीर्षक: कृतज्ञता के पुष्प
“मैं, विनोद मधुकर म्हात्रे, हृदय से दैनिक देशोन्नति, अकोला, और मध्यस्थ दर्शन सह-अस्तित्ववाद मंच के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ। इन प्रतिष्ठित मंचों ने मेरी कविताओं और लेखों को प्रकाशित करके मुझे निरंतर प्रोत्साहित किया है।
मेरे शब्दों को सम्मान देकर, मेरी रचनात्मकता को पहचान देकर, और मेरे विचारों को एक मंच प्रदान करके, आपने मुझे एक लेखक के रूप में विकसित होने में मदद की है। आपकी उदारता और समर्थन ने मुझे अपनी लेखन यात्रा में आत्मविश्वास और प्रेरणा दी है।
मैं विशेष रूप से उन सभी संपादकों, कर्मचारियों और पाठकों का आभारी हूँ जिन्होंने मेरी रचनाओं को सराहा और प्रोत्साहित किया। आपका समर्थन मेरे लिए अनमोल है।
आपकी यह प्रेरणा और प्रोत्साहन मेरे लिए सदैव मार्गदर्शक रहेगी। मैं आशा करता हूँ कि भविष्य में भी आपके साथ मेरा यह संबंध बना रहेगा।
आप सभी का हार्दिक धन्यवाद!”🙏💐
विनोद मधुकर म्हात्रे
वरोडा, चंद्रपुर, महाराष्ट्र.
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