Urmila Sidhar ji

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परिवारिक सीख

माता-पिता मेरे पालन हार।

मैं भी करूँ उनका सत्कार।

सेवा कर में सेवा कारी बनूँ।

समाज में मैं उपकारी बनूँ।

श्रम कर में वस्तु उगाऊँ।

तब जाकर मैं कृषक कहाऊँ।

स्वस्फूर्त से काम करूँगा।

आज्ञा पालन निष्ठा से करूँगा।

माता-पिता मेरे प्रथम गुरु।

यही से होता है जिंदगी शुरू।

माता से सिखते पोषण आहार।

पिता से सीखते संरक्षण संस्कार।

परिवार से सीखें कार्य व्यवहार।

गुरु से सीखें मानवीय आचार।


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