• ज्ञान की कविता*


अस्तित्व एक निरंतर प्रक्रिया है।
अस्तित्व ही सहअस्तित्व है,
सब कुछ एक दूसरे से पूरक है।
व्यापक और जड़ चैतन्य है।
सहअस्तित्व ही प्रमाण है।

ज्ञान का प्रमाण अनुभव है।
अनुभव से ही हम सत्य को जानते हैं।
अनुभव ही प्रमाण है।
अनुभव को ही जीना है।
अनुभव ही जीवन का लक्ष्य है।

जीवन अमर है, शरीर नश्वर है।
सहअस्तित्व से जीवन नियंत्रित है।
जीवन में, मन वृत्ति चित बुद्धि आत्मा है।
ज्ञान से जीवन को प्रमाणित कर।
सहअस्तित्व ही प्रमाण है।

ज्ञान से संबंधो को पहचान होती है
संबंधों में जीना मूल्यपूर्वक होता है।
मूल्य से निरन्तर निर्वाह होता है।
मूल्यों में जीने से जीवन तृप्ति है।
मूल्यों का ही सहअस्तित्व है।


कविता का लेखक :
DJ Royal Jignesh

स्त्रोत : मध्यस्थ दर्शन (सहअस्तित्ववाद) पर आधारित

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