नागरजजी को समर्पित स्तुति:
हे नागराजजी, ज्ञान का सागर!
तुमने दिखाया हमें मार्ग सच्चा।
मध्यस्थ दर्शन का दिया जलाया,
अंधकार को ज्ञान से मिटाया।
सहअस्तित्व का ज्ञान, तुमने समझाया,
सभी वस्तुएं जुड़ी हुई हैं, गहराई से।
परिवारमूलक स्वराज्य व्यवस्था का सिद्धांत, तुमने बताया,
जो सह-अस्तित्व का आधार है।
जीवन ज्ञान, तुमने समझाए,
ज्ञान विवेक विज्ञान से जीवन सुखमय।
जीवन की क्षमता, तुमने बताई,
हर जागृत जीवन अनुभव करता है।
हे नागराजजी, हम तुम्हारे कृतज्ञ हैं,
तुमने हमें जीवन का मार्ग दिखाया।
तुम्हारे अनुभव का पालन करते हुए,
हम जीवन को सार्थक बनाएंगे।
लेखक : Dj Royal Jignesh
स्रोत : मध्यस्थ दर्शन के प्रणेता परम आदरणीय श्रद्धेय श्री ए नागराज जी को समर्पित स्तुति