वैकल्पिक कविता :

चुन्नू मुन्नू थे दो भाई,
घर में घुसे तो खुशबू आई ।

बस्ता किताबें, मेज पे रखकर,
कपड़े बदलकर, हाथ पाँव धोकर,

देखा जैसे ही रसोई में जाकर
मां - पापा ने थीं गुझिया बनाई ।

दरी बिछाकर, भोजन सजाकर,
सबने मिलकर, जम कर खाईं ।

पुरानी कविता :
चुन्नू-मुन्नू थे दो भाई,
रसगुल्ले पर हुई लड़ाई ।
चुन्नू बोला मैं खाऊंगा,
मुन्नू बोला मैं खाऊंगा ।
हल्ला सुनकर मम्मी आई,
दोनों को एक चपत लगाई ।
कभी न लड़ना,कभी न झगड़ना,
आपस में तुम मिलकर रहना ।।
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मध्यस्थ दर्शन सह अस्तित्ववाद की रोशनी में पुरानी कविता का विकल्प लिखने की मुख्य दो कारणों से आवश्यकता महसूस हुई ।

१. भाई भाई संबंध को ( झगड़ा के स्थान पर सहयोग / कमी के स्थान पर समृद्धि ) के अर्थ में पुनर्परिभाषित करने के लिए ।

२. पुरानी कविता ‘समझ’ विकसित करने के लिए दंड प्रक्रिया को अपनाती है ।