स्वागत कर हे मेरे शुभमन!
शुभ संकल्पों का स्वागत कर!
हर कण,हर जन, खुशहाली संपन्न हो
यही कामना को सफल कर !
स्वागत कर शुभ संकल्पों का!
हे मेरे शुभमन !स्वागत कर !
दुख, दारिद्रय, लालच का हो अंत
कुछ ऐसे चिंतन में विचार को,
संयोजन करने का स्वागत कर !
हे मेरे शुभमन!
शुभ संकल्पों का स्वागत कर!
जैसे यह धरती धारण करती हर कण को;
और संकेतित करती हर पल निश्चित आचरण को ;
ऐसे ही अभय पूर्ण सफलता का स्वागत कर!
हे मेरे शुभमन !
शुभ संकल्पों का स्वागत कर !
हर पत्ता हर ज़र्रा खुशहाली से है भरा;
करता है स्वागत मानव के शुभ आगमन का;
तू भी इस अपनेपन का स्वागत कर!
हे मेरे शुभमन!
शुभ संकल्पों का स्वागत कर!