यह जीवन यात्रा, अनवरत प्रवास,
शून्यता के मौन का, सहवास।
ज्ञान की भूख, निरंतर प्यास,
प्रकाश है, भास, आभास?

अनुभव के आकाश में,
खोजूं मैं सत्य को,
जागृति का स्वर बने,
इस जीवन के राग में।

सब कुछ चल रहा, विकास क्रम,
जागृति के साथ, संग संग।
है संभव बस, इसी जनम,
न समझा तो, भटकूं भ्रम।

अनुभव के आकाश में,
खोजूं मैं सत्य को,
जागृति का स्वर बने,
इस जीवन के राग में।

भ्रम के पर्दे हटाओ,
सत्य का दीप जलाओ,
जीवन का मोल समझो,
जागो, अब जागो।
- Suresh Patel

Suresh Patel ji

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