हम जान जाएंगे।
हम मान जाएंगे
जीवन है गीत
नित्य गायेंगे।
हम जान जाएंगे हम मान जाएंगे
न्याय ही गीत घर्म ही संगीत, सत्य की अभिव्यक्ति अब कर पाएंगे ।
हम जान जाएंगे हम मान जाएंगे।
जीवन ही गीत मानव ही संगीत, परिवार में प्रमाणित हो पाएंगे।
हम जान जाएंगे हम माने जाएंगे।
समझदारी है गीत जिम्मेदारी ही संगीत,
संबंधों को हम पहचान पाएंगे ।
हम जान जाएंगे हम मान जाएंगे ।
मूल्य है गीत संबंध ही संगीत ,संबंधों का निर्वाह अब कर पाएंगे ।
हम जान जाएंगे हम मान जाएंगे ।
परिवार ही गीत समाज ही संगीत अखंड व्यवस्था बना पाएंगे ।
हम जान जाएंगे हम मान जाएंगे।
लेखिका सुनीता पाठक
हम जान जाएंगे हम मान जाएंगे।
Sunita Pathak ji