मेरा परिचय: अनिता भोई (अनुपमा जी)
मेरा नाम अनिता भोई है, और मैं अछोटी स्थित अभ्युदय संस्थान से जुड़ी हूँ। मैंने अपने कॉलेज के समय, वर्ष 2005 में, गीत लिखना शुरू किया था। मेरे लेखन की प्रेरणा मुझे मेरे जीवन के अनुभवों और विद्यालय के वातावरण से मिलती है, जिससे मेरी रचनाएँ व्यावहारिक और हृदयस्पर्शी बनती हैं।
मेरे लिए लेखन केवल अभिव्यक्ति का साधन नहीं है, बल्कि पाठकों के मन को गहराई से छूने और उनके मानसिक विकास एवं स्वास्थ्य में सकारात्मक योगदान देने का एक तरीका भी है। मैं अपनी लेखनी में न्याय दृष्टि को अपनाने की कोशिश करती हूँ, ताकि मानवीय मूल्यों को बढ़ावा मिल सके। आज के समय में, जब अमानवीय सामग्री का प्रभाव बढ़ रहा है, मेरा प्रयास है कि मेरी कविताएँ और गीत समाज में संवेदनशीलता और न्याय की भावना को मजबूत करें।
पिछले 10 वर्षों से मैं मध्यस्थ दर्शन (सह-अस्तित्ववाद) का अध्ययन कर रही हूँ। इस दर्शन से मैंने बहुत कुछ सीखा है, जिसे न केवल अपने लेखन में, बल्कि अपने जीवन में भी उतारने का प्रयास करती हूँ। मैं उन सूत्रों का अभ्यास करती हूँ, जिन्हें मैंने अपने लेखन के माध्यम से व्यक्त किया है, ताकि मेरे विचार और आचरण में निरंतरता बनी रहे।
मैंने अपनी रचनाओं को ‘futureofwriting.org’ वेबसाइट पर प्रकाशित करने के लिए सहमति दी है। इसके साथ ही, मैंने यह भी स्वीकार किया है कि मेरी कविताएँ और गीत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साझा किए जाएं, ताकि मेरे विचार और संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में योगदान दे सकें।