ज्ञान की शक्ति से हम सब, जीवन सफल बनाएंगे
आत्म-त्याग कर हम, कर्तव्य पथ पर डट जाएंगे।
माता-पिता और सब बंधुजन, हम पर गर्व जाएंगे
प्रेम मिटाकर सब मन के, जीवन शुद्ध बनाएंगे।
हाथ पकड़ लेंगे उनका, जिनके कुछ संताप हैं,
जाति-धर्म न देखेंगे, सब देश के संतान हैं।
पर सेवा के भाव में जीकर, भव्य संसार बनाएंगे।
हिमशिखरों सी ऊंचाई होगी, सागर सी गहराई भी,
नदियों सा मीठापन भी होगा, शीतल सी पुरवाई भी,
ज्ञान के दीपक से हम सब जीवन ज्योति जलाएंगे।


Rajesh Bahuguna ji

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