आजादी का मतलब नहीं, मनमानीपन कभी।
स्वतंत्रता के समान स्वच्छंदता नहीं कभी।।
‘मैं’ से ‘हम’ की ओर चल सकें आज ,अभी।
विश्वास से सजा हो मन,हर्षित रहें सभी।।
अवसर-अभयता प्राप्त हो,तरसे ना कोई कभी।
आजादी का मतलब नहीं ,मनमानीपन कभी।
उत्साह से भरा वतन,निज स्वार्थ से हो मुक्त।
समरसता का संगीत हो,समृद्धि से हो युक्त।।
समाधान संग विज्ञान भरे उड़ान यूँ उन्मुक्त।
सहभागिता सबकी रहे,सही शिक्षा हो प्रयुक्त।।
उत्तरोत्तर हो उन्नयन भावभरा हृदय।
कृतज्ञता से ओत-प्रोत,हो सबका अभ्युदय।।
अभिव्यक्त हो संस्कृति,व्यवस्था और विधि।
आजादी का मतलब नहीं मनमानीपन कभी।।

सोनाली भारती