दिवाली उत्सव - कुछ दिन की सफ़ाई
हम घरों में नहीं रहते हैं हम हमारे ख़ुद के मन में रहते हैं । हां यही हमारा स्थाई घर है ।यहां पर कोई square feet का लेखा जोखा नहीं है ।यह वह जगह है जहां ख़ुशियों की feeling है,बहुत फील बहुत विशाल है, feeling unlimited है। नापी तौली नहीं जा सकती।
इसलिए,यह मायने नहीं रखता कि हमारे घर कितने सुव्यवस्थित है हमारी बालकनी, गैरेज, बरांडा कितना व्यवस्थित है, कितना स्वच्छ है , जिंदगी तब अच्छी और खुशहाल होती है जब हमारा मन व्यवस्थित होता है ।
और यहीं पर हमारा सब कुछ मेसी यानी थोड़ा गंदा सा , बिखरा सा ,खचा-खच भरा हुआ सा या अनदेखा सा , अनछुआ सा रहता है ।
अभी हमारे मन के किसी कोने में थोड़ा प्रायश्चित रहता है कहीं पर अति अपेक्षा , मन के कारपेट के नीचे रहस्य , मन के हर तरफ परेशानी बिखरी हुई सी , दूसरों से तुलना करता हुआ मन जैसे टेबल पर बिखरा हुआ सारा सामान, मन का जटिलता मन का अंतर्द्वंद जैसे लिकेज करता हुआ बॉटल ।
क्यूँ ना जागरूक हों हम अपने इस इस actual home की साफ़ सफ़ाई के लिए प्रयत्न करें।यह हमारे लिए कोई बाहर का नहीं कर सकता यह हमें ही करना है । ये मज़ेदार बात है कि इसको house keeping में नहीं दे सकते।इस को Laundry में भी नहीं दे सकते 😂😂।
इसलिए चलिए दिवाली की साफ सफाई अपनी मन से शुरू करते हैं और जिंदगी प्यार से जीते है ।हर दिन मन को साफ़,स्वस्थ और सुंदर रखते हैं,ठीक वैसे ही जैसे रोज़ घर की सफ़ाई करते हैं,मन की सफ़ाई करते हैं... ज़िंदगी ख़ुशगवार,सुंदर,प्यारी बनाते हैं...अब के मन की सफ़ाई करते हैं 😍🥰🤗🙏🏻🤷🏻♀️💃💃
दिवाली या किसी भी त्योहार या उत्सव की सुंदरता रिश्तों को पूरा जीने में है... आओ रिश्तों को पूरा जीते हैं...🎉🎉🎉
हर दिन त्योहार मनाते हैं 👩👩👦👦